कूगल कुट्टप्पा एआई रोबोट और एक पिता की प्रेम कहानी, लेकिन देखने से पहले जान ले यह बात



एमपी नाउ डेस्क



koogle kuttappa movie review
2022 में रिलीज तमिल फिल्म कूगल कुट्टप्पा एक कॉमेडी और ड्रामा जॉनर की फिल्म है, जिसका निर्देशन नवोदित सबरी- सरमन ने किया है। इस फिल्म में रवि कुमार, थरसन, लोसलिया मरियानेसन, योगी बाबु, पवित्रा लोकेष जैसे कलाकारों ने मुख्य भूमिका निभाई हैं। हिंदी में दर्शक इस फिल्म को जियो हॉटस्टार में देख सकते है लेकिन देखने से पहले जान लें यह फिल्म कैसी है, देखने लायक है भी यह फिर नही।

कूगल कुट्टप्पा एक एआई रोबोट का नाम है जिसके नाम से फिल्म का शीर्षक रखा गया हैं जिसकी एन्ट्री फिल्म में आदि (थारसन) जो कि रोबोटिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़ने के बाद अपने बुजुर्ग पिता के साथ गांव में रहता है कि विदेश में नौकरी लग जानें के बाद होती है। कूगल कुट्टप्पा के आने से पहले बाप- बेटे में जमकर झगड़ा होता है, जहां बाप ( के.एस रविकुमार) की अपेक्षा है कि उसका बेटा उसी के साथ गांव में रहकर छोटी- मोटी नौकरी करके उसके पास ही रहें लेकिन दूसरी ओर आदि (थारसन) का कहना है कि उसने यह पढ़ाई इसलिए नही की थी कि वह गांव में बंधकर रह जाएं। झगड़ें से पहले आदि कभी भी इस बात का जिक्र अपने पिता से नही कर पाता और अपनी बात कहने के लिए अपने मामा (योगी बाबू) को आगे कर देता है।

‘Neru’ movie review: नेरु अंधी लड़की को इंसाफ दिलाने के लिए रचा गया कोर्ट रुम ड्रामा, मोहनलाल का अभिनय जीत लेगा आपका दिल

पिता से झगड़ा करके आदि विदेश नौकरी तो करने चला जाता है लेकिन उसके पिता की तबीयत खराब होने की वजह से उसे जल्द ही वापिस लौटना पड़ जाता है। आदि अकेला वापिस नही आता उसके साथ कूगल कुट्टप्पा नामक रोबोट भी साथ होता है जो इंसानों की मदद के लिए निर्मित किया गया हैं, एक ओर जहां बेटा मशीनों से प्यार करता है दूसरी ओर पिता मशीनों से बेहद ही नफरत करता है। पिता मशीनों से इतनी अधिक नफऱत करता है कि घर में वह छोटी सी भी मशीन बर्दाश्त नही कर पाता अपना सब काम हाथों से ही करता है। फिर चाहें वह मसाला पीसने वाली मिक्सी ही क्यों न हो। ऐसे घर में जहां किसी भी प्रकार की मशीन की एंट्री नही है वह एआई रोबोट की एंट्री वह विवाद तो खड़ा होगा ही, इन विवादों के बीच एक मशीन से नफरत करने वाले व्यक्ति का मशीन से प्यार करने की कहानी इन्हीं सब विषयों को इस फिल्म में दिखाया गया है।

कॉमेडी के नाम पर फिल्म निराश करती है

कूगल कुट्टप्पा जो कि एक कॉमेडी जॉनर फिल्म होने का दावा करती है, उसमें कामयाबी हासिल करने में नाकामयाब दिखती है। फिल्म में जहां- जहां योगी बाबु के दृश्य होते है वह थोड़ा हास्य की अनुभुति होती है लेकिन ज्यादातार मामलों में फिल्म एवरेज ही नजर आई हैं । फिल्म में पिता की लव स्टोरी, बेटे की लव स्टोरी अलग-अलग सबप्लॉट स्टोरी फिल्म को खूबसुरत बनाने की वजह बोझिल ही बनाती है, जहां दर्शकों के पास ओटीटी के दौर में मनोंरजन के इतने अधिक  साधन है तो वह शायद ही इस फिल्म को पूरी देखकर खत्म करने की कोशिश करें। फफफफफ

अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Close Menu